Ghar me Dakhil Hone ki Dua :- अस्सलामु अलैकुम मेरे दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत है हमारे इस लेख में आज के इस लेख के मदद से हम घर में दाखिल होने की दुआ के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं, अक्सर लोग कई सारे काम के वजह से बाहर जाते रहते हैं और वापिस लौट के आते रहते है।
इस परिस्थिति में जब वह बाहर से घर में दाखिल होना चाहते हैं तब वह दुआ को पढ़ना चाहते हैं मगर उन्हें दुआ याद ही नहीं रहता है या फिर उन्हें मालूम ही नहीं है कि दुआ को किस तरह से पढ़ा जाता है तो अगर आप भी इन सभी व्यक्तियों की तरह है और घर में दाखिल होने की दुआ को जानना चाहते हैं।
तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे क्योंकि इस लेख में हम इसी पर चर्चा करने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।
KEY POINTS
Ghar me Dakhil Hone ki Dua | घर में दाखिल होने की दुआ
दोस्तों आपको मालूम होगा कि हर व्यक्ति अपने घर से रोज कई बार बाहर निकलता है और कई बार वापिस बाहर से घर में दाखिल होता है। मगर क्या आपको मालूम है कि हमें जब भी अपने घर में दाखिल होना चाहिए तो एक दुआ पढ़नी चाहिए। यह दुआ बहुत सारे लोगों को मालूम ही नहीं है और हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह दुआ को पढ़कर दाखिल होने से सुन्नत पर अमल होगा और ज्यादा सवाब मिलेगा।
इस लिए हमने पाक दुआ को नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है साथ में हर व्यक्ति इस दुआ को पढ़े और याद करें और घर से बाहर निकलने के बाद जब भी वह लौटे और घर में दाखिल करे तो उसे पहले यह दुआ अवश्य पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को बिना देरी किए हुए।
घर में दाखिल होने की दुआ अरबी में –
Ghar me Dakhil Hone ki Dua
“بِسْـمِ اللّهِ وَلَجْنـَا، وَبِسْـمِ اللّهِ خَـرَجْنـَا، وَعَلَـى رَبِّنـَا تَوَكّلْـنَا”
घर में दाखिल होने की दुआ इंग्लिश में
” Bismillahi Wa Lajna,Wa Bismillahi Kharajna, Wa Ala Rabbina Tawakkalna ”
घर में दाखिल होने की दुआ हिंदी में
बिस्मिल्लाहि व लज्ना, व बिस्मिल्लाहि खरज्ना, व अला रब्बिना तवक्कलना
तर्जुमा, यानी कि ऊपर में बताए गए दुवा का अर्थ
हम अपने अल्लाह के नाम पर दाख़िल होते हैं और हम अल्लाह के ही नाम पर अपने घर से निकलते हैं, और हम अपने रब पर भरोसा रखते हैं।
तर्जुमा उर्दू मे
ہم اپنے اللہ کے نام پر داخل ہوتے ہیں اور اللہ کے نام پر اپنے گھر سے نکلتے ہیں، اور ہمیں اپنے رب پر بھروسہ ہے۔
Hadees: एक हदीस में आता है की
“जब भी कोई ब्यक्ति अपने घर में दाखिल होता है और खाना खाने के वक़्त अल्लाह ता’अला को याद करता है और उनका नाम लेता है तो, शैतान अपने बन्दों से कहता है। की उस घर में तुम्हारे लिए रात गुज़ारने का कोई ठह ठिकाना नहीं है और न ही रात के खाने में तुमहारा कोई हिस्सा है”
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[ Conclusion, निष्कर्ष ]
दोस्तों आशा करता हूं कि आपको मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से घर में दाखिल होने की दुआ के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।
हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको घर में दाखिल होने की दुआ, के बारे में बताने की कोशिश की है।आप हमारे दिए गए कमेंट सेक्शन में अपनी राय जरूर दें कि आपको यह लेख कैसा लगा और आपको घर में दाखिल होने की दुआ समझ में आया कि नहीं।
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