December 9, 2024
Namaz e Janaza ka Tarika In Hindi

नमाज़ ए-जनाज़ा का तरीका, दुआ | Namaz e Janaza ka Tarika In Hindi

Namaz e Janaza ka Tarika :- नमाज़ ए-जनाज़ा उस समय पढ़ा जाता है जब इस्लामी धर्म में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। नमाज़ ए-जनाज़ा पढ़ने के बाद ही किसी व्यक्ति को कब्र में दफनाया जाता है।

हर मुस्लिम व्यक्ति का नमाज़ ए-जनाज़ा में शामिल होना आवश्यक होता है। परंतु कई लोगों को Namaz e Janaza ka Tarika आज भी सही ढंग से नहीं पता होता है। जिसके कारण कई इस्लामी ये ढूंढते हैं की नमाज़ ए-जनाज़ा का सही तरीका क्या है?

आज की इस लेख में हम आपको Namaz e Janaza ka Tarika बताने जा रहे हैं। साथ ही हम आपको बताएंगे, कि नमाज़ ए-जनाज़ा की नियत और दुआ क्या है ? यदि आपको भी नमाज़ ए-जनाज़ा के बारे में जानकारी चाहिए तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें।


KEY POINTS

नमाज़ जनाज़ा क्या होता है ? | Namaz e Janaza ka Tarika

नमाज़ ए-जनाज़ा को हिंदी में सलात अल जनाजा भी कहते हैं। नमाज़ ए-जनाज़ा ही एक ऐसा नमाज होता है जिसमें रकु और सजदा नहीं किया जाता है। इसमें केवल दुआएं पढ़ी जाती है और सलाम फेरा जाता है।

नमाज़ ई जनाज़ा किसी व्यक्ति की मय्यत पर पढ़ा जाता है। नमाज़ ई जनाज़ा में हर शख्स का शरीक होना आवश्यक है।


नमाज़ जनाज़ा का तरीका

जैसा कि हमने आपको बताया नमाज़ ए-जनाज़ा में रकू और सजदा नहीं किया जाता है परंतु इसे अन्य नमाज की तरह ही पढ़ा जाता है। तो चलिए नमाज़ जनाज़ा का तरीका विस्तार से जानते हैं।

  1. चाहे आप कोई भी नमाज पढ़ रहे हो सबसे पहले वजू करना आवश्यक है। बिना वजू किए हमें कभी भी नमाज अदा नहीं करनी चाहिए।
  2. अब आपको नमाज पढ़ना शुरू करना है जिसमें आप सबसे पहले नियत पढ़ेंगे। नमाज़ ए-जनाज़ा में कौन सी नियत पढ़ी जाती है यह नीचे बताया गया है।

नमाज़ जनाज़ा की नियत

تويت أن أودي بله تعالى أربع تكبيرات صلوة الجنازة الفناء يله تعالى والصلوة للرسول والدعاء لهذا الميت اقتديت بهذا الإمام

नियत की मैंने नमाज ए जनाजा की 4 त्क्बीरो के साथ, वास्ते अल्लाह ता अला के दुआ इस मय्यत के लिए, पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ

  1. नियत पढ़ने के बाद पहली तकबीर पढ़ें और अल्लाहु अकबर कहकर अन्य नमाज़ों की तरह अपने दोनों हाथों को कानों के पास ले जाकर बांध ले और सना पढ़ें।

सना

سبحانك اللهم وبحمدك وتبارك اسمك وتعالى جدك وجل ثناءك ولا إله غيرك

“सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका”

  1. अब सना पढ़ने के बाद फिर से दूसरी तकबीर अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और अल्लाहु अकबर कहकर दरूद शरीफ पढ़ने। अन्य नमाजो में अत्तहियात के बाद जो दरूद शरीफ पढ़ा जाता है वही दरूद शरीफ नमाज़ ए-जनाज़ा में पढ़ना है।

दरूद शरीफ – اللهم صل على محمد وعلى آل محمد ه كما صليت على إبراهيم وعلى آل إبراهيم * إنك حميد مجيد * اللهم بارك على محمد وعلى آل محمد * كما باركت على إبراهيم وعلى آل إبراهيم * إنك

अल्ला हुम्मा सल्ले, आला मुहम्मदिव व आला आले मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहिम व आला आले इब्राहिम इन्नका हमीदुम्मजीद.

  1. अब अपने हाथों को बगैर ऊपर उठाए तीसरी तकबीर पढ़ें और अल्लाहु अकबर कह कर नीचे दी गई दुआ पढ़े।

मर्द या औरत की मय्यत पर ये दुआ पढ़े

अल्लाहुम्मग्फिरली हय्यिना व मय्यितिना व शाहिना व गाइबिना व सगिरिना व कबिरिना व जाकारिना व उनसाना अल्लाहुम्मा मन अहयइतहु मिन्ना फ़अहइही अल्ल इस्लामी व मन फ़तवफ़्फ़ाहू मिन्ना फ़तवफ़्फ़ाहू अललईमान


नाबालिग बच्चे की मय्यत के लिए दुआ

अल्लाहुम्मज् अल्हा लना फ़रातव वज्अल्हा लना अज्रव व जुख़्रव वज्अल्हा लना शाफ़िअव व मुशफ़्फाअह


दुआ याद होने पर यह दुआ पढ़ें

अल्लाहुम्मग़ फिरली मुअ’मिनिना वल मुअ मिनात

  1. अब आपको चौथी तकदीर पढ़नी है जिसमें आपको हाथ ऊपर नहीं उठाना है। केवल अल्लाहु अकबरकहें और अपने हाथों को बांधकर सलाम फेरे।
  2. सलाम फेरने के बाद आपको मय्यत के लिए दुआ करनी है।

यहीं पर आपका नमाज़ ए-जनाज़ा पूरा होता है। अब आप जनाजा उठा कर कब्रिस्तान ले जाएं और मय्यत पूरा करें।


जनाज़ा की नमाज़ कौन पढ़ा सकता है ?

जनाज़ा की नमाज़ कोई भी मर्द या औरत पढ़ सकते हैं। ऐसे तो जनाजा की नमाज कोई भी पड़ सकता है परंतु इसे भी पढ़ें ने का सबसे पहला हक बादशाह इस्लाम को दिया गया है। यदि बादशाह इस्लाम नहीं है तो शहर की काजी जनाज़ा की नमाज़ पढ़ सकता है।

इसके बाद मरने वाला व्यक्ति जिस भी मोहल्ले में रहता था उस मोहल्ले की मस्जिद का कोई इमाम या फिर वली जनाज़ा की नमाज़ पढ़ सकते हैं। इसके अलावा कोई रिश्तेदार जनाज़ा की नमाज़ पढ़ आ सकता है। केवल बच्चों को जनाज़ा की नमाज़ से दूर रखा गया है।


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निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको Namaz e janaza ka tarika बताया।

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से अब आप सही तरीके से नमाज़ ए-जनाज़ा पढ़ पाएंगे। यदि आपको आज के इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछना है तो हमें कमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।


FAQ

प्रश्न 1जनाजे की नमाज में कितने फर्ज हैं ?

उत्तर - जनाजे की नमाज में 2 फर्ज होते हैं।

प्रश्न 2नमाज़ जनाज़ा किस तरह की नमाज है ?

उत्तर - नमाज़ ए-जनाज़ा किसी की मैयत पर पढ़ी जाने वाली नमाज है।

प्रश्न 3जनाजे में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है ?

उत्तर - जनाजे में जो भी दुआएं पढ़ी जाती हैं, वह इस लेख में विस्तार पूर्वक बताई गई हैं। कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें।

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